Tuesday 6 September 2016

क्या आप कर रहें हैं घर ख़रीदते वक़्त ये गलतियां?

घर खरीदते समय आपके दिल और दिमाग में बहुत कुछ चल रहा होता है। ख़ुशी उत्तेजना, फिर थकान और अंत में भय में बदल जाती हैं। एक कशमकश के वो घर आपको मिलेगा या नहीं, और मिला तो क्या आप उसको ख़रीदने में सक्षम होंगे? एक वित्तीय प्रक्रिया देखते ही देखते भावनात्मक बन जाती है। ये भावनाएँ अक्सर आपको सही निर्णय नहीं लेने देती। या तो आप अपने सपनों का घर खो बैठते है या फिर आप उस घर में निवेश कर देते है जो कभी आपके सपनों में था ही नहीं।
तो चलिए, जानते है वो ५ ग़लतियाँ जो घर ख़रीदने वाले अक्सर कर बैठते हैं। अगर आप भी ये कर रहे हैं तो सावधान हो जाएँ।

१. कुछ बेहतर मिलेगा

ऑनलाइन ख़रीददारी के इस चलन में अक्सर हमे लगता है कि अगला प्रस्ताव बेहतर होगा। हमे इंतज़ार करने की आदत सी हो गयी है। कभी कभी सच में एक बेहतरीन ऑफर मिल जाता है और कभी कभी ये बाजी उलटी भी पड़ जाती है। क्या घर ख़रीदने के मामले में आप संयोग पे भरोसा करेंगे? आज जो घर आपने देखा है, वो कल भी किसी ने देखा था, अगर आप ये कल ख़रीदने वाले है, तो क्या पता वो आज ही ये घर ख़रीद ले? अगर आपको उस घर में अपना भविष्य दिख रहा है तो समझदारी इसी में है कि आप उसे वक़्त रहते ख़रीद ले। कल किसने देखा?
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२. अनावश्यक लगाव

आपने उसे देखा और पहली नजर में प्यार हो गया। ये कोई फिल्म की कहानी नहीं है बल्कि वास्तविकता है। कई लोगो को पहली नज़र में घर से लगाव हो जाता है। उन्हें लगता है कि यही वो घर है जिसकी उन्हें तलाश थी और वो दूसरा घर भी नहीं देखते है। ये सही नहीं है। एक परफेक्ट घर ख़रीदने के लिए कम से कम आपको ५ घरो का भ्रमण करना चाहिए। तभी आप ये निश्चित कर सकते है कि सबसे उपयुक्त कौन सा है। जल्दबाजी में किया गया फैसला अक्सर सही सिद्ध नहीं होता है। घर को बारीकी से देखे और तय करे हाँ या ना।

३. उत्तमता की अभिलाषा

सभी को अपना घर सर्वोत्तम लगता है। वो कुछ कमियाँ भी मामूली सी लगती है जब हम अपने घर में आराम से सोफे पर पसरे होते है। परंतु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो घर को बेहतरीन बनाने के लिए बजट से ज्यादा ख़र्च कर बैठते है। ऐसे में जब वास्तविकता का एहसास होता है तो बैंक बैलेंस ख़तम सा होता दिखता है। सबसे अच्छा की चाह में चादर से ज्यादा पैर ना निकालें। ये जाने कि आपका कितना सामर्थ्य है। घर ख़रीदने में अपना सब कुछ ना लगा दे कि उसमे रहना असाध्य हो जाए।

४. अनुचित तुलना

हो सकता है एक महँगे घर में बहुत सी सुविधाएँ हो, उसकी तुलना करते हुए बढ़ना सही नही है। घर में जितनी ज्यादा सम्पन्नताएँ होंगी, उसकी कीमत भी उतनी ही ज्यादा होगी। अपना मस्तिष्क एक सही जगह केंद्रित करे। अपनी आकांशाए यथार्थवादी रखे। अगर आपके मित्र के घर में बड़ी रसोई है तो जरूरी नहीं वैसा कुछ आपके बजट में भी मिल सके। सर्वप्रथम ये जाने कि आप क्या उम्मीदें रख सकते है अपने नए घर से। इंटरनेट से आपको इस विषय में बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है, और आप ऑनलाइन प्रॉपर्टी खोज भी सकते है।

५. अदूरदर्शिता

‘आज में जीना’ ये शब्द सुनने में जितने प्रभावशाली लगते है, वास्तव में व्यावहारिक नहीं होते। घर ख़रीदते समय आपको भविष्य कि सोचना जरूरी है। अगर आप एक घर में कम से कम पाँच साल रहने की नहीं सोच रहें है तो बेहतर है कि आप घर ख़रीदे ही ना। घर के आस पास के वातावरण का भी ख़याल रखे; पड़ोस बदलेगा, नए घर बनेंगे, नए लोग आएँगे, क्षेत्र का विकास होगा। देखे कि क्या आप बदलते नज़ारे के साथ उस घर में सामंजस्य बैठा पाएंगे?

उस तनाव और उत्तेजना से बचने के लिए अपने आप को तैयार कर लें। थोड़ा सा साहस और थोड़ी सी समझदारी आपको पछतावे से बचा सकते है। घर ख़रीदना मुश्किल काम ही है, ये आसान नहीँ होने वाला है, पर कम से कम आपको अपने सपनों का घर तो मिल सकेगा। वो कहतें है ना; अंत भला तो सब भला।
घर ख़रीदने हेतु और किसी भी जानकारी के लिए हमसे संपर्क करे। हम आपकी सहायता के लिए हमेशा तैयार हैं।

Original Source : http://www.ownaroof.com/blog/mistakes-of-buying-a-home/

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