Wednesday 31 August 2016

क्या आप अपना पहला घर खरीदने जा रहें हैं?

सालों की मेहनत और आज वो दिन है जब आप अपना स्वयं का घर खरीदने जा रहें हैं। दिल में एक डर है कि क्या पता वो घर आपको मिलेगा या नहीं, क्या पता आपके सपनो के घर जैसा कोई घर है भी या नहीं। अगर वो घर नहीं मिला तो क्या होगा? क्या किसी कि मदद ले लेनी चाहिए? शायद शर्मा जी के पास जाना चाहिए, उन्होंने अभी एक जयपुर में लक्ज़री फ्लैट् खरीदा है, वो कुछ समझा सकतें हैं। इतना बड़ा दिन है आज, हे भगवन! सब ठीक हो जाए।

वैसे तो सभी काम शुरुआत में मुश्किल लगते है परंतु घर खरीदना वाकई में सरल नहीं है। और अगर ये आपका पहला घर है तो दिल और दिमाग में कोलाहल रुक ही नहीं रहा होगा। ‘क्या करे क्या न करे, ये कैसी मुश्किल हाय’ ये पंक्तिया आपकी परिस्थिति पर एकदम सही बैठती है। खैर, आगे जा कर आपको किसी अप्रत्याशित प्रसंग से न गुजरना पड़े, इसलिए हम आपको पहला घर खरीदने से पहले ये ५ बाते बताना चाहतें हैं। शायद ये आपको पहले से पता हो, शायद ये आपके घर खरीदने की प्रक्रिया को थोड़ा आसान बना दे।

१. घर खरीदना जरूरी नहीं
शायद बचपन से ही हमारा सपना होता है; बड़े हो कर अच्छी शिक्षा, अच्छा काम, बड़ा सा घर, गाडी और एक सुखी परिवार। किराये का घर कभी भी वो सुख नहीं दे पता जो आराम अपने घर में मिलता है। वो चैन कि नींद उन्ही चार दीवारों में भीतर आती है। परंतु ये बात भी तथ्य है कि हर समय घर खरीदने के लिए उपयुक्त समय नहीं होता है। घर खरीदने कि चाहत है, ये सही तर्क नहीं है। घर खरीदने कि जरुरत होने पर ही अपने घर की ओर कदम बढ़ाये। एक समय ऐसा आएगा कि माकन मालिक को किराया देते हुए ये एहसास होगा कि ये पैसा अगर अपना घर खरीदने में लगे तो बेहतर होगा। यही सही वक़्त है अपना घर खरीदने के लिए निकल पड़ने का।
क्या आप अपना पहला घर खरीदने जा रहें हैं?


२. अगर आप घर खरीद रहें हैं तो उसे आगे की सोच कर खरीदे
भारत में कई लोग किराए के घर में पीढ़िया निकाल देतें हैं, शायद वो कभी अपना घर खरीदने की हिम्मत नहीं कर पाते हैं। अगर आप उनमे से एक नहीं बनना चाहते हैं तो आगे की सोच कर घर खऱीदे। ये एक वित्तीय निर्णय है और सालो तक यही आपका पता बनेगा। थोड़ी दूरदर्शिता अपनाकर आज से कई सालों आगे की सोचें।

कई लोग ये सोचतें हैं कि कुछ सालों में जब माकन की कीमतों में उछाल आएगा तो इसे बेचकर नया खरीद लेंगे। यकीन कीजिये, जितना आसान ये बोलना हैं, हकीकत में उतना आसान होता नहीं हैं। महीनो लग जाते हैं एक सही खरीददार ढूढ़ने में, वो भी आपकी शर्तो पर। घर को एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखें।

३. जरुरत से ज्यादा अच्छा नहीं चाहे सस्ता हो
आपको एक आलिशान घर आपकी कीमतों पर मिल रहा है, तो क्या उसे खरीद लेना चाहिए? जो अभी सही और सस्ता सौदा लग रहा है वो आगे जा कर जी का जंजाल बन सकता है। घर खरीदना आखिरी स्टेशन नहीं है, इसके बाद आता है घर की देखभाल और साज-सज्जा। बड़ा घर यानी बड़ी जिम्मेदारी, ज्यादा टैक्स, और रखरखाव का खर्च। जरुरत से ज्यादा कमरों को स्टोर रूम बनते देर नहीं लगती। घर उतना बड़ा ही खऱीदे जिसका आप सही प्रबंधन कर सके।

४. विक्रेता से बार बार बात करने से न हिचकिचाए
बात करने से ही बात बनती है। घर की कीमत हमेशा परक्राम्य (नेगोशिएबल) होती है, आपको सिर्फ बात करने की देर है। आपको बाद में ये पश्चाताप नहीं होगा के काश आपने थोड़ी सी बात की होती तो बहुत रूपए बच जाते। ना सुनने से नहीं डरे, क्या पता परिणाम आपके पक्ष में हो? प्रॉपर्टी की कीमतों की जानकारी रखें, जितना हो सके, सौदे को अपनी शर्तो के करीब रखें।

५. कभी कभी पसंद से ज्यादा आवश्यकता मायने रखती है
अपने घर से लगाव होना स्वाभाविक है, किन्तु जो घर अभी अपना नहीं हुआ है, उससे कैसा लगाव और क्यों? घर को दिमाग से खऱीदे, दिल की न सुने। सौदा होने से पहले ही घर को अपना न बना ले। पसंद और जरुरत में सामंजस्य बैठाने का प्रयास करें। अगर ये घर आपके बजट में है और आपके अनुरूप भी, तो ही सौदा पक्का करके उससे ‘स्वीट होम’ बनाये।

याद रखे, एक घर आपकी पहचान हो सकता है पर आप जो है वो उसे नहीं बदल सकता। घर आपसे है, न कि आप घर से। जो चीज पैसो से खरीदी जाती है, उससे लगाव न रखे। घर तब खऱीदे जब इसकी आपको जरुरत हो। लोग तो कहते रहते है, घर आपका है तो फैसला भी आपका ही होना चाहिए।

अगर आप तैयार है, तो बस फिर क्या सोचना? इन्टरनेट पर जयपुर के फ्लैट्स देखने से शुरआत करे, अपने सपनो के घर तक पहुचने में देर न करें। अगर आपको घर खरीदने संबंधी कोई प्रश्न पूछना हो या परामर्श लेना हो तो अभी कमेंट करें। हमारे पास आपके प्रश्नों का जवाब है।

Original Source : http://www.ownaroof.com/blog/buy-your-first-home/

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